Video/text courses on critical life-questions in Hindi and English. Each course has 10 videos/texts accompanied by an optional questionnaire (test). Length: 4-6 hours.
आचार्य प्रशान्त संग जीवन जिज्ञासा
संबंध सही तो ज़िंदगी भी सही। जैसा व्यक्तित्व, वैसे संबंध। जानिए अपने संबंधों की गुणवत्ता आचार्य प्रशांत के साथ।
मानसिक बेचैनी और मनोरोग तेजी से बढ़ रहे हैं। हमारे दैनिक जीवन में शायद ही कोई ऐसा दिन हो जब मन की बेचैनी हमें परेशान नहीं करती हो। इसी बेचैनी और अशांति का असर हमारे काम और जीवन में भी दिखता है। हमें दिशाहीनता, निर्णयहीनता इत्यादि विकार घेर लेते हैं। ग्रंथो और संतो ने इसी बेचैनी को हमारा सबसे बड़ा शत्रु बताया है। आइये, आचार्य प्रशांत संग एक शांत और स्थिर मन की तरफ बढ़ें।
अकेलापन मानसिक हो या शारीरिक, कचोटता है।ऐसा क्यों है कि हम हमेशा किसी साथी की तलाश में रहते हैं? अपने ही साथ रहना कभी-कभी बहुत कठिन मालूम होता है? यदि ईमानदारी से यह स्वीकार कर सकते हैं कि बाहर खोज जारी रखकर इस अकेलेपन का कोई समाधान नहीं मिला तो यह कोर्स आपके लिए है। आचार्य प्रशांत के साथ भीतर की ओर बढ़ें और पाएं अकेलेपन का समाधान।
एक मज़बूत जीवन
परिवार, दफ़्तर और दोस्तों के बीच अपनी उपस्थिति की रसहीनता और अप्रभावीता का एहसास होता है? दिल कहता है ना कि 'काश, मेरी उपस्थिति में भी एक सतत आकर्षण हो, खिचाव हो? आइये जानें आचार्य प्रशांत के साथ कि कैसे पाएं एक प्रभावशाली व्यक्तित्व।
शादी और साथी जीवन भर की संगत हैं। कुसंगत या सुसंगत - यह आपका निर्णय है। जानिए, आचार्य प्रशांत संग, कि शादी के लिए सही साथी कैसे ढूँढें।
क्या प्रेम, प्रेम की छवियाँ है, आकर्षण है, शारीरिक निकटता है या इन सब का नकार? जहाँ कामवासना है, वहां प्रेम है या प्रेम में उत्तेजना का कोई स्थान नहीं? प्रेम क्या है और क्या नहीं, जानिए आचार्य प्रशांत के साथ।
अध्यात्म, दर्शन, राष्ट्र
भारत को महान अगर कहने में रुचि रखते हो तो खुद महान बनो, तुमसे ही है भारत की महानता। भारतीय अगर महान नहीं तो भारत महान कैसे हो सकता है? बहुत महान लोग हुए हैं इस धरती पर। धर्म का पालना रहा है भारत, और विज्ञान का, और गणित का, और संगीत का भी पालना रहा है भारत―इसलिए भारत महान था। उन लोगों की बदौलत भारत महान था। आज भी वैसे लोग चाहिए। वैसे लोग होंगे तो भारत महान होगा, नहीं तो नहीं होगा। फिर ये तो कह लोगे कि इतिहास में पहले भारत महान था लेकिन ये नहीं कह पाओगे कि भारत आज भी महान है। आज भारत को महान बनाना है तो अपने भीतर लोहा पैदा करो और सच की तरफ निष्ठा पैदा करो।
पढ़ाई में मन नहीं लगता। करियर को लेकर एक निरंतर डर बना रहता है। प्रयास असफल रहे। जानिए आचार्य प्रशांत के साथ इस आम सी दिखने वाली भयावह परेशानी का समाधान।
हम डरे हुए हैं कि हमारा कुछ बुरा न हो जाए। पर 'डर' से बुरा और क्या होगा? पूछते हैं स्वंय से कि 'डर का सामना कैसे करूँ?' जीना चाहते हैं एक डर से मुक्त जीवन? करिए शुरुआत, आचार्य प्रशांत के साथ।
डिप्रेशन/अवसाद से लड़ पाना कठिन एवं अकल्पनीय लगता है? क्या इसके कारण रिश्ते बिगड़ते नज़र आ रहे हैं? बात बन सकती है। आएं आचार्य प्रशांत के साथ और उभरें।
धर्म की अनेक परिभाषाएँ और व्याख्याएँ सुनने में आती हैं। कोई धर्म को 'अनुष्ठान' बताता है, तो कोई 'क्रिया' और कोई इसे 'जीने की कला'। क्या है धर्म और इसका रोज़मर्रा के जीवन में क्या स्थान है? जानिए आचार्य प्रशांत के साथ।
मांसाहार के पक्ष और विपक्ष में बड़े तर्क दिए जाते हैं, जिनमें से कई तर्क प्रभावी भी लगते हैं। क्या मांस को आहार बनाना या न बनाना मात्र तर्क की सिद्धि की बात है? क्या आहार एक व्यक्तिगत चुनाव है? जानिए तार्किक एवं तर्क के पार की बात, समझें मांसाहार, आचार्य प्रशांत के साथ।
क्या अतीत सूक्ष्म एवं स्थूल रूप से आपके मन में बना रहता है? क्या अतीत आपको खींचता है और भविष्य की योजनाओं का कारण बनता है? किसी के जीवन में अतीत का स्थान क्या होना चाहिए? वास्तव में 'वर्तमान में जीने' का क्या अर्थ है? जीवन के महत्वपूर्ण और मुख्य प्रश्नों पर हमारी पूर्ण उपस्थिति अनिवार्य है। आईये, आचार्य प्रशांत संग अतीत के इस खेल को समझें और एक आज़ाद जीवन में प्रवेश पाएँ।